प्राइवेट स्कूल के नियोक्ताओं को सेमिनार में बताए कर्मचारी राज्य बीमा योजना के लाभ

प्राइवेट स्कूल के नियोक्ताओं को सेमिनार में बताए कर्मचारी राज्य बीमा योजना के लाभ

Employees State Insurance Scheme

Employees State Insurance Scheme

स्कूलों का पंजीकरण कराकर स्कूल उठाएं बीमा योजना का लाभ

फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: Employees State Insurance Scheme: कर्मचारी राज्य बीमा निगम क्षेत्रीय कार्यालय हरियाणा ने फ़रीदाबाद प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस के तत्त्वावधान में एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
क्षेत्रीय निदेशक सुगन लाल मीना ने आयोजित एक सेमीनार में वहाँ के पदाधिकारियों तथा स्कूल मालिकों को सरकार द्वारा उनके लिए लाई गई कईं हितकारी नीतियों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि सभी संस्थान वर्कमेनस कंपेनसेशन एक्ट 1923 तथा मटर्निटी बेनीफिट एक्ट 1961 के अंतर्गत आते हैं । इन अधिनियमों के कारण दुर्घटना, मृत्यु तथा प्रसव के लिए कार्मिकों को सुरक्षा मिलती है और इन अधिनियमों में निहित लाभ उन्हें अपने कार्मिकों को देने अनिवार्य हैं। इन अधिनियमों के कारण उनके ऊपर अचानक से वित्तीय देनदारी आ सकती है। इसलिए उन्हें ऐसी वित्तीय हानि से सुरक्षा लेने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा योजना में शामिल होना चाहिए।  कर्मचारी राज्य बीमा निगम न केवल उन्हें इन दोनों अधिनियमों के अंतर्गत देनदारियों से मुक्ति प्रदान करेगा बल्कि उनके कार्मिकों को भी स्वास्थ्य का उपहार प्रदान करेगा। 

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 हर उस स्कूल/फैक्टरी/ संस्थान / दुकान / क्लिनिक/ अस्पताल / प्रतिष्ठान पर लागू है जहां 10 या उससे अधिक कार्मिक कार्यरत हैं। इन स्थापनाओं के लिए अनिवार्य है कि वे उनके संस्थान में 10 कर्मचारी नियोजित होने के 15 दिन के अंदर उनके संस्थान का ई एस आई योजना में पंजीकरण करवाएं। संस्थान के पंजीकरण के बाद नियोक्ताओं को अपने कार्मिकों का भी इस योजना में पंजीकरण कर एवं उनके संबंध में नियमानुसार अंशदान जमा करवाना अनिवार्य है। यह देखा गया है कि कईं स्कूल मालिक ई एस आई सी में पंजीकरण कराने के लिए वर्षों से पात्र व बाध्य हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने पंजीकरण नहीं कराया है और जिससे उनके कार्मिक ई एस आई सी द्वारा प्रदान किये जा रहे विविध सामाजिक सुरक्षा हितलाभ से वंचित हैं। पकड़े जाने पर ऐसे संस्थानों को वर्षों के अंशदान, ब्याज़ और हर्जाने का भुगतान करना पड़ता है। इसी डर से कईं प्रतिष्ठान मालिक पंजीकरण से भी बचते हैं कि कहीं उनके पुराने रिकॉर्ड की जांच न हो जाए और बड़ा जुर्माना न भरना पड़ जाए।
उन्होंने भारत सरकार द्वारा नियोक्ताओं तथा कर्मचारियों के लिए चलाई जा रही स्प्री 2025 (स्कीम टू प्रमोट रजिस्ट्रेशन ऑफ एंप्लॉयर्स एंड एम्पलॉइज) नाम से योजना की जानकारी दी। स्प्री 2025 योजना के अंतर्गत पंजीकरण कराने से प्रतिष्ठानों के पिछले रिकॉर्ड की जांच और निरीक्षण नहीं कराए जाएंगे । 
जागरूकता कार्यक्रम में टी एस दलाल मुख्य संरक्षक, नरेंद्र परमार अध्यक्ष,  राजदीप सिंह महासचिव,   भारत भूषण कोषाध्यक्ष, नारायण डागर, साकेत भाटिया,  राकेश बंसल, अनुभव माहेश्वरी,  तुलसी जी  विनय गोयल,  विनोद, मोहन,  भगवान सिंह आदि के अलावा लगभग 40 नियोक्ता / कर्मचारी उपस्थित थे।